Made in India Label: भारतीय उत्पादों को मिलेगी नई पहचान

क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप कोई सामान खरीदते हैं तो उस पर लिखा “Made in India” सिर्फ एक शब्द नहीं बल्कि एक कहानी है?
यह कहानी है हमारे कारखानों, शिल्पकारों और उद्यमियों की मेहनत की, और अब इस कहानी को सुनाने का जिम्मा उठाया है भारत सरकार की नई योजना – “Made in India Label”।


“मेड इन इंडिया” क्यों है जरूरी?
कोविड-19 के दौरान जब अंतरराष्ट्रीय सीमाएँ बंद हुईं, तब पूरी दुनिया को समझ आया कि आत्मनिर्भर बनना कितना जरूरी है। इसी सोच ने जन्म दिया आत्मनिर्भर भारत मिशन और “वोकल फॉर लोकल” की पुकार।

अब सरकार का नया कदम — Made in India Label Plan — भारतीय उत्पादों को न सिर्फ स्थानीय, बल्कि वैश्विक पहचान दिलाने की ओर बढ़ रहा है।

योजना के मुख्य आकर्षण
*QR Code युक्त लेबल –
हर प्रोडक्ट पर एक लोगो और QR कोड रहेगा। इसे स्कैन करते ही खरीदार जान सकेगा कि यह उत्पाद कहाँ बना है, उसकी वैधता क्या है और उसका असलीपन कितना है।

*बजट और फंडिंग –
इस योजना के लिए सरकार ने अगले तीन सालों में 995 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित किया है।

*योग्यता –
यह लेबल उन्हीं निर्माताओं को मिलेगा जो अपने प्रोडक्ट्स का निर्माण या असेंबलिंग पूरी तरह या ज्यादातर भारत में करते हैं और तय गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हैं।

*पोर्टल आधारित प्रक्रिया –
आवेदन ऑनलाइन पोर्टल से ही होगा, जहाँ दस्तावेज और प्रोडक्ट की जानकारी अपलोड करनी होगी, उसके बाद अनुमोदन मिलेगा।

कैसे बदलेगा उपभोक्ता का अनुभव?
कल्पना कीजिए — आप एक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट खरीदते हैं और पैकेट पर लगे QR Code को स्कैन करते ही आपको मिल गई सारी जानकारी:
-यह कहाँ बना है
-किस कंपनी का है
-गुणवत्ता प्रमाणन कब तक वैध है
-और ये भी कि इसकी मौलिकता (authenticity) सुनिश्चित है

इससे न सिर्फ कस्टमर का भरोसा बढ़ेगा बल्कि नकली या घटिया माल की गुंजाइश भी कम होगी।

सेक्टरवार असर

*स्टील (इस्पात) – बड़े इस्पात उत्पादक अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर Brand India के तहत खुद को पेश कर रहे हैं।
*टेक्सटाइल्स (वस्त्र/खादी) – QCI और KVIC के समझौते से MSME और ग्रामीण उद्योगों को भी ब्रांडिंग का लाभ मिलेगा।
*इलेक्ट्रॉनिक्स – अब पैकेजिंग पर सभी जरूरी डिटेल्स QR Code से उपलब्ध होंगी, जिससे कंप्लायंस आसान और भरोसा और गहरा होगा।

भारत बन रहा है ग्लोबल ब्रांड
वैश्विक गुणवत्ता अवसंरचना सूचकांक (GQII) 2023 में भारत 10वें स्थान पर है। इसका मतलब है कि हमारी मान्यता प्रणाली पहले से ही मजबूत है।
“Made in India Label” इस पहचान को और ऊंचा ले जाएगा।

यह लेबल सिर्फ बड़े उद्योग ही नहीं, बल्कि MSMEs, स्टार्टअप्स, किसानों और ग्रामीण उद्यमियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।

Made in India Label महज एक मुहर नहीं है। यह आत्मनिर्भरता, गुणवत्ता, भरोसा और गर्व की पहचान है।

आने वाले समय में जब कोई विदेशी उपभोक्ता हमारे देश के उत्पाद को हाथ में लेगा, तो वह सिर्फ एक सामान नहीं खरीदेगा बल्कि वह खरीदेगा “भारत की गारंटी”।

तो अब वक्त आ गया है कि जब भी आप कोई प्रोडक्ट उठाएँ और देखें — “Made in India”, तो उस पर गर्व से कह सकें: “यह सिर्फ एक प्रोडक्ट नहीं, यह है मेरा देश की पहचान।”

सोर्स पीआईबी

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