भारत में आज जो बदलाव हो रहा है, वो सिर्फ तकनीकी नहीं है — यह आत्मनिर्भरता की तरफ एक बड़ा कदम है। जिस चीज़ के लिए हम सालों तक दूसरों पर निर्भर रहे, अब उसी चिप तकनीक में भारत दुनिया को राह दिखा रहा है। मोबाइल फोन से लेकर स्पेस मिशन तक, हर स्मार्ट डिवाइस के पीछे जिस 'ब्रेन' की ज़रूरत होती है, वो है सेमीकंडक्टर चिप — और अब भारत इस गेम में पूरी ताकत से उतर चुका है।
सेमीकंडक्टर चिप क्या है, और इतनी जरूरी क्यों है?
सेमीकंडक्टर चिप यानी वो छोटा सा दिमाग, जो आपके स्मार्टफोन, कंप्यूटर, कार, टीवी, सैटेलाइट — सबको 'स्मार्ट' बनाता है। इसके अंदर लाखों-करोड़ों ट्रांजिस्टर होते हैं, जो बिजली के संकेतों को इस तरह संभालते हैं जैसे इंसान का दिमाग न्यूरॉन्स के ज़रिए संदेश भेजता है।
आज के डिजिटल दौर में हर चीज़ चिप पर चलती है — चाहे कॉल करना हो या चंद्रयान 3 जैसे मिशन में AI का इस्तेमाल करना हो। इसलिए ये चिप्स भारत की डिजिटल और आर्थिक सुरक्षा के लिए बहुत अहम हैं।
अब तक का सफर: कैसे बदल रहा है भारत का सेमीकंडक्टर परिदृश्य
-India Semiconductor Mission (ISM)
सरकार ने ₹76,000 करोड़ की मदद से India Semiconductor Mission शुरू किया है, जो चिप मैन्युफैक्चरिंग, डिज़ाइन और रिसर्च को बढ़ावा देता है। इसका मकसद भारत को सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में आत्मनिर्भर और लीडर बनाना है।
-6 बड़ी सेमीकंडक्टर यूनिट्स 2023-25 के बीच स्वीकृत
-नोएडा और बेंगलुरु में 3nm चिप डिज़ाइन सेंटर
-2030 तक 100-110 अरब डॉलर का चिप बाज़ार लक्ष्य
सेमीकंडक्टर क्यों बने रणनीतिक हथियार?
कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के समय दुनिया को चिप की कमी से जबरदस्त झटका लगा।
इससे भारत ने सीखा कि टेक्नोलॉजी की आत्मनिर्भरता, सिर्फ इकोनॉमिक नहीं, नेशनल सिक्योरिटी का भी मुद्दा है।
अब भारत न केवल अपनी ज़रूरतें पूरी करेगा, बल्कि दुनिया की मांग भी पूरी करने की तैयारी में है।
🏭 कौन-कौन सी कंपनियाँ भारत में लगा रही हैं फैक्ट्रियाँ?
स्किल्स का दम: कहाँ से आएंगे इतने इंजीनियर?
सरकार समझती है कि चिप फैब की मशीनें तभी चलेंगी जब उन्हें चलाने वाला skilled talent होगा।
-85,000 इंजीनियरों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य
-NIELIT की SMART लैब – अब तक 44,000 से ज़्यादा इंजीनियर प्रशिक्षित
-100 संस्थानों में 45,000+ छात्र पहले से नामांकित
-IITs और अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटीज़ (जैसे Purdue, IBM, Lam Research) के साथ करार
सेमीकॉन इंडिया: ग्लोबल चिप लीडर बनने की रफ्तार
SEMICON India 2025 (2-4 सितंबर, दिल्ली) भारत के चिप ड्रीम को पूरी दुनिया के सामने पेश करेगा।
-300+ ग्लोबल कंपनियाँ, 18 देश
-पहली बार 4 इंटरनेशनल मंडप: जापान, सिंगापुर, साउथ कोरिया, मलेशिया
-वर्कफोर्स डेवलपमेंट मंडप: युवाओं को जॉब रेडी बनाने पर जोर
-डिज़ाइन स्टार्टअप मंडप: भारत में चिप इनोवेशन को बूस्ट
हाल की बड़ी घटनाएँ
-भारत की पहली स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप अब उत्पादन के लिए तैयार है
-नेत्रसेमी स्टार्टअप को ₹107 करोड़ की VC फंडिंग
-मध्य प्रदेश का पहला IT परिसर, जो ड्रोन, लैपटॉप, सर्वर भी बनाएगा
यह सिर्फ एक उद्योग नहीं, एक क्रांति है
सेमीकंडक्टर के बिना भविष्य की कल्पना असंभव है — और अब भारत इस भविष्य को निर्भरता से प्रभुत्व की ओर ले जा रहा है। यह न केवल ‘मेक इन इंडिया’ का सटीक उदाहरण है, बल्कि ‘Design in India’, ‘Skilled in India’ और ‘Lead from India’ की भी शुरुआत है।
चिप क्रांति अब कागज़ पर नहीं, धरातल पर है। भारत तैयार है, और दुनिया भी उसे गंभीरता से लेने लगी है।
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