प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 21 जुलाई 2025 को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ठीक पहले संसद परिसर में मीडिया को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इस सत्र को देश के लिए बेहद गौरवपूर्ण और नवसृजन का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि मानसून केवल मौसम का बदलाव नहीं, बल्कि हर परिवार की अर्थव्यवस्था का अहम आधार है। इस वर्ष देश में अच्छी बारिश से किसानों, ग्रामीण क्षेत्रों और पूरे देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होने की बात कही। उन्होंने
अपने संबोधन में इस सत्र को "राष्ट्र के लिए गौरव और विजय का अवसर" बताया और साथ ही इसे नवीनता तथा नवसृजन का प्रतीक बताया।पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि बारिश और मॉनसून देश की अर्थव्यवस्था, खासकर किसानों और ग्रामीण परिवारों की आर्थिक आधारशिला है। उन्होंने जानकारी दी कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने जल संग्रहण का भंडार तीन गुना बढ़ाया है, जिससे आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था को और बल मिलेगा। उन्होंने कहा, "मानसून न केवल मौसम का बदलाव है, बल्कि हर घर और गांव की खुशहाली का आधार भी है।"
इस बार के सत्र को ऐतिहासिक बताते हुए पीएम मोदी ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर तिरंगा फहराने को पूरे देश के लिए गर्व का क्षण बताया। इसे विज्ञान, इनोवेशन और राष्ट्रीय आत्मविश्वास की बढ़ती भावना का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की अभूतपूर्व सफलता का विशेष उल्लेख किया, जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों ने महज 22 मिनट में दुश्मन के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। उन्होंने कहा कि "दुनिया आज भारतीय सेना और मेड इन इंडिया हथियारों के सामर्थ्य को पहचान रही है।" पीएम मोदी ने बताया कि जब भी वे विश्व के नेताओं से मिलते हैं, भारत की रक्षा क्षमताओं और स्वदेशी सैन्य उत्पादों की सराहना होती है।
पीएम ने कहा कि आज नक्सल और माओवाद का दायरा बहुत तेजी से सिमट रहा है। जो क्षेत्र पहले 'रेड जोन' कहलाते थे, वे अब 'ग्रीन, ग्रोथ जोन' बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि "बम-बंदूक के सामने भारत का संविधान और लोकतंत्र जीत रहा है," और यह सत्र देश के हर जिले-क्षेत्र की उपलब्धियों का यशगान करेगा।
पीएम मोदी के अनुसार, 2014 में भारत दसवें स्थान पर था, लेकिन अब देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के करीब है। उन्होंने कहा कि देश ने "फ्रैजाइल फाइव" की चुनौती को दूर किया है। साथ ही, महंगाई दर दो अंकों से घटकर लगभग दो प्रतिशत रह गई है, जिससे जनता को राहत मिली है। बीते दशक में 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया, जिसके लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भी भारत की सराहना की है।
पीएम मोदी ने संसद के सभी दलों और सांसदों से देशहित में रचनात्मक बहस और सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा, "संसद समाधान का मंच हो, केवल संघर्ष और बयानबाज़ी का नहीं।" उन्होंने विश्वास जताया कि यह सत्र भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और 'विविधता में एकता' की भावना को और मजबूत करेगा।
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