भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने पिछले छह महीनों में 28 नई और अहम पहल शुरू की हैं, जिनका मकसद है चुनाव प्रक्रिया को ज्यादा आसान, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना। ये पहल छह बड़े सुधार स्तंभों पर आधारित हैं—सभी हितधारकों से संवाद, चुनावी प्रणाली की मजबूती और शुद्धता, तकनीक का बेहतर उपयोग, मतदाता सूची की शुद्धता, मतदान में सुगमता और क्षमता निर्माण।
अब जरा आसान भाषा में समझते हैं कि चुनाव आयोग ने क्या-क्या किया है:
सभी हितधारकों से संवाद
-आयोग ने राजनीतिक दलों से लगातार बातचीत को प्राथमिकता दी।
-देशभर में 4719 सर्वदलीय बैठकें हुईं, जिनमें करीब 28 हजार नेताओं ने हिस्सा लिया।
-राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों के शीर्ष नेताओं के साथ भी 20 महत्वपूर्ण बैठकें की गईं।
चुनावी प्रणाली को मजबूत करना
-476 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की जांच हुई, जिनमें से 334 को हटा भी दिया गया।
-28 तरह के हितधारकों की भूमिका को साफ परिभाषित किया गया।
-ईवीएम की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अब चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद 5% EVMs का तकनीकी सत्यापन होगा।
-बूथ लेवल अधिकारियों (BLOs) को पहचान पत्र दिए गए ताकि उनकी पहचान पर संदेह न रहे।
-कानूनी सलाहकारों और सीईओ का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर आयोग की कानूनी मजबूती बढ़ाई गई।
-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी आयोग ने जून 2025 में स्टॉकहोम सम्मेलन के दौरान कई देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों से सहयोग पर बातचीत की।
प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग
-सभी तरह के ऐप्स और वेबसाइटों को एकीकृत डिजिटल पोर्टल ‘ECINET’ से जोड़ा गया।
-मतदान केंद्रों पर 100% वेबकास्टिंग व्यवस्था की जाएगी।
-मतदान के दिन हर 2 घंटे में रियल-टाइम वोटिंग अपडेट उपलब्ध होंगे।
-निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर डिजिटल इंडेक्स कार्ड और रिपोर्ट्स जारी होंगे।
-अब जहां-जहां ईवीएम और फॉर्म-17सी के डेटा में गड़बड़ी मिलेगी, वहां VVPAT पर्चियों की गिनती अनिवार्य होगी।
मतदाता सूची की शुद्धता
-बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण और 4 राज्यों में उपचुनाव से पहले वोटर लिस्ट का संशोधन किया गया।
-मृत्यु पंजीकरण डेटा को मतदाता सूची से जोड़ने की शुरुआत की गई ताकि मृतक व्यक्तियों का नाम हट सके।
-हर मतदानकर्ता को अब यूनिक EPIC नंबर मिलेगा।
-EPIC कार्ड का वितरण अब 15 दिनों में होगा और मतदाताओं को SMS द्वारा जानकारी मिलती रहेगी।
मतदान की सहजता
-मतदान केंद्र के बाहर मोबाइल जमा काउंटर बनाए गए हैं।
-हर बूथ पर अब 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे ताकि भीड़भाड़ न हो।
-मतदाता सूचना पर्ची (VIS) को और स्पष्ट बनाया गया है।
-उम्मीदवार अपने 100 मीटर बाहर तक बूथ लगाकर मतदाताओं की मदद कर सकेंगे।
क्षमता निर्माण
-IIIDEM (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट) में अब तक 7000 BLO और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया।
-BLO, पर्यवेक्षक और कानून-व्यवस्था संभालने वालों का पारिश्रमिक बढ़ाया गया।
-राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (BLA) को सर्वोच्च अधिनियमों और प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित किया गया।
-मीडिया अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों को खास ट्रेनिंग दी गई।
-आंतरिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आयोग ने ई-ऑफिस सिस्टम और बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू की।
चुनाव आयोग की ये 28 नई पहल साफ दिखाती हैं कि अब चुनावी प्रक्रिया तकनीक-संचालित, अधिक पारदर्शी और मतदाता-मैत्रीपूर्ण बनने की ओर तेजी से बढ़ रही है। राजनीतिक दलों से संवाद से लेकर, मतदाता सूचियों की सफाई तक और चुनाव अधिकारियों को ट्रेनिंग से लेकर मतदान केंद्रों पर बेहतर सुविधा तक — इन सब उपायों से मतदाता का भरोसा और लोकतंत्र की मजबूती, दोनों बढ़ेंगे।
सोर्स पीआईबी
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