देश में एलपीजी यानी रसोई गैस आज हर घर की ज़रूरत बन चुकी है। लेकिन कुछ साल पहले तक गैस सब्सिडी को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आती थीं – जैसे गलत लोगों को सब्सिडी मिलना, एक ही नाम पर कई कनेक्शन, या सब्सिडी समय पर न मिलना। राज्यसभा में हरदीप सिंह पुरी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार इन सभी दिक्कतों को दूर करने के लिए सरकार ने पहल (PAHAL) नाम की योजना शुरू की, जो अब देश की सबसे बड़ी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजना बन चुकी है।
पहल (PAHAL) योजना क्या है?
यह एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर बाजार कीमत पर दिया जाता है, और फिर उस पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे उनके बैंक खाते में भेज दी जाती है। न कोई बिचौलिया, न कोई घोटाला।
अब जब भी आप गैस बुक करते हैं, आपको:
-बुकिंग का SMS आता है
-कैश मेमो बनने का SMS आता है
-गैस डिलीवरी का भी अपडेट मिलता है
इससे आप हर कदम पर नज़र रख सकते हैं कि आपकी गैस कहाँ है और कब मिलेगी।
क्या-क्या बदलाव किए गए हैं?
1. नकली और डुप्लिकेट कनेक्शन पर रोक
-4 करोड़ से ज़्यादा नकली एलपीजी कनेक्शन निष्क्रिय कर दिए गए हैं।
-8.49 लाख उज्ज्वला कनेक्शन भी रद्द किए गए हैं, जो उपयोग में नहीं लाए जा रहे थे।
2. आधार और बायोमेट्रिक से सटीक पहचान
-अब गैस सब्सिडी के लिए आधार लिंक और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन जरूरी है।
-1 जुलाई 2025 तक 67% उज्ज्वला लाभार्थियों का बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पूरा हो चुका है।
3. डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (DAC)
-गैस की डिलीवरी के समय एक ओटीपी जैसा कोड (DAC) देना होता है, जो आपके मोबाइल पर आता है।
-इससे यह सुनिश्चित होता है कि गैस सही व्यक्ति को ही मिली है।
4. सब्सिडी लेन-देन का पारदर्शी सिस्टम
-अधिकतर लेन-देन 2 दिन के अंदर पूरा हो जाता है।
-आधार से लिंक खातों में सब्सिडी सही समय पर पहुँच रही है।
-2025 तक, 92.44% उपभोक्ताओं के आधार OMC डेटाबेस से लिंक हो चुके हैं।
शिकायत कहां करें अगर सब्सिडी न मिले या गैस देर से आए?
सरकार ने उपभोक्ताओं के लिए कई माध्यम दिए हैं:
-टोल फ्री नंबर: 1800 2333 555
-1906: गैस रिसाव या दुर्घटना के लिए
-OMC की वेबसाइट / मोबाइल ऐप
-CPGRAMS: ऑनलाइन शिकायत पोर्टल
-WhatsApp, Chatbots, MoPNGeSEVA
-अपने वितरक के ऑफिस में जाकर भी शिकायत की जा सकती है
क्या यह सब काम कर रहा है?
जी हां! 2024-25 में 194 करोड़ गैस रिफिल की डिलीवरी हुई, और उनमें से सिर्फ 0.08% शिकायतें आईं — यानी सिस्टम अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत और भरोसेमंद हो गया है।
एक स्वतंत्र मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार:
-90% से ज्यादा लोग सब्सिडी व्यवस्था से संतुष्ट हैं।
-रिपोर्ट ने सब्सिडी को सिर्फ ज़रूरतमंदों तक सीमित रखने की सिफारिश की है।
सरकार की पहल योजना ने गैस सब्सिडी के मामले में एक बड़ी पारदर्शी क्रांति लाई है। अब सब्सिडी सीधे आपके खाते में आती है, और गैस वितरण में धोखाधड़ी की गुंजाइश बहुत कम रह गई है। अगर आपने अभी तक आधार लिंक नहीं कराया या बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं करवाया है, तो जल्दी करवा लें ताकि सब्सिडी का फायदा समय पर और बिना रुकावट मिले। "पहल है तो भरोसा है!"
सोर्स पीआईबी
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