चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का औपचारिक एलान कर दिया है। इस बार राज्य में मतदान दो चरणों में होगा- पहले चरण के लिए 6 नवंबर और दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। वहीं मतगणना की प्रक्रिया 14 नवंबर को पूरी की जाएगी। विधानसभा की मौजूदा अवधि 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रही है, लिहाजा इससे पहले नई सरकार का गठन आवश्यक है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य में इस बार कुल 7.42 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। चुनाव आयोग द्वारा किए गए “स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)” के तहत 21.53 लाख नए मतदाता सूची में जोड़े गए हैं जबकि 3.66 लाख डुप्लिकेट, मृत या स्थानांतरित मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
इस बार आयोग ने बिहार में कई नई चुनावी पहलें लागू की हैं। हर मतदान केंद्र पर अब अधिकतम 1,200 मतदाता ही होंगे ताकि भीड़ कम हो और मतदान की प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित हो। राज्य के सभी बूथों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग की जाएगी, जिससे पूरे चुनाव की निगरानी संभव हो सकेगी। इसके अलावा मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि मतदान प्रक्रिया में कोई विघ्न न हो।
चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरों को EVM के बैलेट यूनिट पर दिखाने की व्यवस्था की है, जिससे पहचान में आसानी होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी। बूथ स्तर के अधिकारियों को पहचान-पत्र भी जारी किए गए हैं। आयोग के अनुसार, बिहार में इन चुनावों के माध्यम से कई नई चुनावी पहलें पायलट मॉडल के रूप में लागू की जाएंगी, जो भविष्य के चुनावों में आदर्श बन सकती हैं।
राज्य में वर्तमान में NDA और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। जहां एक ओर जेडीयू, बीजेपी और HAM पार्टी के गठबंधन ने सत्ता बरकरार रखने का दावा किया है, वहीं दूसरी ओर आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल और INDI गठबंधन बदलाव की अपील कर रहे हैं। चुनावी मैदान में संभावित रूप से कुछ नए चेहरे भी उतर सकते हैं, जिससे मुकाबला और भी रोचक हो सकता है।
चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने नाम मतदाता सूची में जांच लें और यदि नाम नहीं है तो जल्द से जल्द आवेदन करें। चुनाव की तिथियां तय होने के साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) लागू हो गई है, और किसी भी प्रकार की नई सरकारी घोषणा या लाभ वितरण पर रोक लगा दी गई है।
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