राज्यसभा में 29 जुलाई 2025 को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के संपूर्ण विनाश और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति केंद्र सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को विस्तार से रखा। उन्होंने दो टूक कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब आतंकवाद के सभी प्रारूपों और विधाओं को केवल "बर्दाश्त" नहीं करता, बल्कि आतंकियों और उनके संरचनात्मक नेटवर्क दोनों का समूल नाश करने के लिए निर्णायक कार्रवाई करता है।
ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने दावा किया कि यह अभियान केवल सीमा पार आतंकवाद का सैन्य जवाब नहीं, बल्कि भारत की सैन्य क्षमता, नैतिक सख्ती और रणनीतिक कौशल का प्रतीक है। उन्होंने कहा -
"ऑपरेशन सिंदूर ने एक भावुक और अतिसंवेदनशील नागरिक को एक सशक्त और गौरवशाली राष्ट्र के नागरिक में रूपांतरित किया है।"
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को आतंकवाद का जनक बताते हुए कहा कि भारत को आज़ादी एक साथ मिली थी, मगर आज "भारत को लोकतंत्र की जननी और पाकिस्तान को आतंकवाद का पालक माना जाता है।" उन्होंने आतंकवाद को मानवता के लिए महामारी करार दिया और स्पष्ट किया कि "आतंकवाद अपना अंत खुद नहीं करेगा, इसे समाप्त करना जरूरी है। कोई भी धार्मिक, वैचारिक या राजनीतिक कारण आतंकवाद को सही नहीं ठहरा सकता।"
रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान की आतंकवाद-समर्थक गतिविधियों के लिए आर्थिक सहयोग रोकने की भी अपील की। हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी पाकिस्तान में आज भी खुलेआम घूम रहे हैं और पाकिस्तानी सेना के अधिकारी उनके अंतिम संस्कार में तक शामिल होते हैं—यह वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का मज़ाक है।
POK वापसी की आशा दिखाते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, "वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाला कश्मीर भी भारत का हिस्सा बनेगा।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर को फिलहाल विराम दिया गया है, लेकिन यदि पाकिस्तान ने कोई दुस्साहस किया, तो भारत फिर ज़्यादा तीव्र और निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार है।
उन्होंने हाल में पहलगाम आतंकी हमले के तीन आरोपियों के मारे जाने के लिए सेना और सुरक्षा बलों की सराहना की और कहा कि भारत की आंतरिक एवं बाह्य सुरक्षा संपूर्ण रूप से सुनिश्चित की जाएगी।
रक्षा मंत्री ने इस मौके पर भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और तेज़ी से बढ़ते रक्षा निर्यात (2024-25 में 23,622 करोड़ रुपये) को भी रेखांकित किया और कहा कि अब भारत अपने बलबूते पोत, लड़ाकू जहाज, मिसाइल, और अन्य रक्षा उत्पाद न केवल बना रहा है, बल्कि 100 से अधिक देशों को एक्सपोर्ट कर रहा है।
राजनाथ सिंह का संबोधन भारत के आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, आक्रामक रणनीति, सेना के अपार सामर्थ्य, और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के अलग-थलग पड़ने की रणनीतिक सफलता पर केंद्रित था—साथ ही, आने वाले समय में POK की वापसी को राष्ट्रीय दृढ़संकल्प का हिस्सा बताया गया।
सोर्स पीआईबी
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