केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 29 जुलाई को लोकसभा के प्रश्नकाल के दौरान देश में समग्र कृषि विकास की जानकारी तथ्यों व आंकड़ों के साथ विस्तार से दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय बढ़ाने का अभियान लगातार चल रहा है और इसके लिए सरकार छह स्तरों पर काम कर रही है—उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, सही कीमत दिलवाना, नुकसान की भरपाई करना, विविधीकरण, और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना।
केंद्रीय मंत्री चौहान ने आंकड़ों के आधार पर बताया कि पिछले 10 वर्षों में देश का कुल फसल उत्पादन 246.42 मिलियन टन से बढ़कर 353.96 मिलियन टन तक पहुँच गया है। दलहन उत्पादन 16.38 से 25.24 मिलियन टन और तिलहन उत्पादन 27.51 से 42.61 मिलियन टन हो गया है। बागवानी उत्पादन भी 280.70 से बढ़कर 367.72 मिलियन टन पहुंच चुका है।
किसानों की आमदनी के बारे में उन्होंने दावा किया कि कई किसानों की आय दोगुनी से भी ज्यादा हो चुकी है। कृषि बजट 27 हज़ार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 27 हज़ार करोड़ रुपये हो गया है और पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 10 करोड़ किसानों को लाभ मिल रहा है। उर्वरक सब्सिडी 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है और क्रेडिट सपोर्ट 25 लाख करोड़ तक बढ़ाया गया।
एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में ऐतिहासिक बढ़ोतरी हुई है—धान की MSP ₹1310 (2013–14) से बढ़कर अब ₹2369, बाजरा ₹1250 से ₹2775, तुअर की ₹4300 से ₹8000, मूंग की ₹4500 से ₹8768, उड़द ₹4300 से ₹7800, मूंगफली ₹4000 से ₹7263, कपास ₹3700 से ₹7710 तक पहुँच गई है। दोगुनी MSP के साथ रिकॉर्ड सरकारी खरीदी भी लगातार हो रही है।
किसान हित में सरकार की सबसे बड़ी घोषणा रही—फसल बीमा योजना में क्लेम का समय पर भुगतान न होने पर बीमा कंपनियों को किसानों को 12% ब्याज सहित क्लेम देना होगा। राज्य सरकारें भी अगर उनकी हिस्सेदारी देर से डालती हैं तो उन पर भी 12% ब्याज का प्रावधान लागू होगा, जो सीधे किसान के खाते में जाएगा।
इसके साथ ही, कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने, टेनेंट फार्मरों और बटाईदार किसानों को बीमा सहित योजनाओं का लाभ दिलाने, और हर फसल का रियल-टाइम सैटेलाइट आधारित आंकलन करके पारदर्शिता के नए मानक तय करने जैसी पहल की गई है।
शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक, केंद्र सरकार का फोकस किसानों की आय और सुरक्षा, आधुनिक खेती, रिकॉर्ड उत्पादन और पारदर्शी मुआवजा व्यवस्था पर है—जिससे ‘आत्मनिर्भर और समृद्ध किसान’ का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
सोर्स पीआईबी
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