रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 28 जुलाई, 2025 को लोकसभा में एक ऐतिहासिक वक्तव्य देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पृष्ठभूमि, उद्देश्य, रणनीति और परिणाम को देश के सामने स्पष्ट रूप से रखा। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन न तो सीमा पार करने के लिए था और न ही शत्रु क्षेत्र पर कब्जा जमाने के लिए, बल्कि इसका उद्देश्य
पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवादी ढांचे को जड़ से उखाड़ना और निर्दोष भारतीय नागरिकों को न्याय दिलाना था। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की निर्मम हत्या हुई थी। इस हमले को मानवता के विरुद्ध सबसे घिनौना कृत्य बताते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि यह भारत की सहनशीलता की गंभीर परीक्षा थी।हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक बुलाकर सेना को निर्णायक कार्रवाई की छूट दी। इसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने 6 और 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आरंभ किया। यह केवल एक सैन्य प्रतिक्रिया नहीं थी, बल्कि भारत की संप्रभुता, अस्मिता और आतंकवाद के विरुद्ध ज़ीरो टॉलरेंस नीति का साहसिक और स्पष्ट संदेश था। इस अभियान में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा और करीब 100 से अधिक आतंकवादी, प्रशिक्षक और उनके संरक्षक मारे गए। इनमें अधिकतर जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े थे, जिन्हें पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI का सीधा समर्थन प्राप्त था।
रक्षा मंत्री ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले सेना ने सभी पहलुओं का गहराई से अध्ययन किया और ऐसा विकल्प चुना गया जिसमें आतंकी ढांचे को अधिकतम क्षति पहुंचे, लेकिन आम पाकिस्तानी नागरिकों को कोई नुकसान न हो। भारत की यह नैतिक प्रतिबद्धता उसे वैश्विक मंच पर एक जिम्मेदार शक्ति के रूप में स्थापित करती है।
10 मई को पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइलों, ड्रोन और लंबी दूरी के हथियारों से जवाबी हमला किया। उसका उद्देश्य भारतीय वायुसेना ठिकानों, गोला-बारूद डिपो और हवाई अड्डों को नुकसान पहुंचाना था। मगर भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, जिसमें S-400 मिसाइल, आकाश प्रणाली और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक शामिल हैं, ने दुश्मन के हर हमले को विफल कर दिया। रक्षा मंत्री ने गर्वपूर्वक बताया कि भारत की अचूक सुरक्षा प्रणाली ने यह सिद्ध कर दिया कि देश अब किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
इसके बाद भारत ने तेज़ और संतुलित जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तानी हवाई अड्डों, सैन्य ढांचों और नियंत्रण केंद्रों पर सटीक हमले किए। भारतीय नौसेना ने भी उत्तरी अरब सागर में अपनी मज़बूत तैनाती के जरिए पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत समुद्र से लेकर आकाश तक अपने हर दुश्मन को जवाब देने में सक्षम है। तीनों सेनाओं के बीच तालमेल का यह उदाहरण भारत की सैन्य परिपक्वता और रणनीतिक गहराई को दर्शाता है।
पाकिस्तान को जब भारी नुकसान का सामना करना पड़ा, तो 10 मई की सुबह उसके सैन्य अधिकारियों ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर सैन्य अभियान रोकने की अपील की। इसके बाद 12 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद ऑपरेशन स्थगित किया गया। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन को किसी अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं रोका गया, बल्कि तब रोका गया जब भारत ने अपने सभी राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य पूरी तरह से हासिल कर लिए थे। उन्होंने दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल स्थगित हुआ है, समाप्त नहीं, और यदि पाकिस्तान भविष्य में कोई नापाक हरकत करता है, तो भारत और भी ज़्यादा कठोर कार्रवाई के लिए पूरी तरह तैयार है।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह नया भारत है, जो अब सिर्फ "कड़ी निंदा" नहीं करता, बल्कि माकूल और निर्णायक जवाब देता है। उन्होंने कहा कि भारत कभी किसी देश की जमीन पर कब्जा करने की मंशा नहीं रखता और न ही पाकिस्तान जैसी विफल, असफल और कट्टरता में डूबी हुई व्यवस्था से कोई प्रतिस्पर्धा करता है। भारत का विरोध पाकिस्तान से नहीं, बल्कि उस आतंकवादी मानसिकता से है जिसे पाकिस्तान ने अपनी राज्य नीति बना लिया है। उन्होंने कहा कि यह संघर्ष दो देशों के बीच नहीं, बल्कि सभ्यता बनाम बर्बरता का है।
रक्षा मंत्री ने बताया कि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई सिर्फ सीमा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विचारधारा के स्तर पर भी लड़ी जा रही है। वैश्विक मंचों पर भारत की ज़ीरो टॉलरेंस नीति को व्यापक समर्थन मिला है। उन्होंने उन सभी राजनीतिक दलों और प्रतिनिधियों का आभार जताया जिन्होंने इस ऑपरेशन का समर्थन किया और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को मजबूती दी।
अपने भाषण के अंत में रक्षा मंत्री ने राष्ट्र को आश्वस्त किया कि भारत की सरकार, सशस्त्र बल और लोकतांत्रिक संस्थाएं देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने को पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि जो लोग भारत को हज़ार घाव देने का ख्वाब देखते हैं, वे यह न भूलें कि यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाला नया भारत है – जो आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
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